मत थामो अब हाथ छोड़ दो भय का, क्षय का साथ छोड़ दो गिरह पड़ रही साँसों में अब जीवन! बंधन-राग तोड़ दो... स्वप्न नहीं उन्मुक्त सजीले स्वप्निल ये उन्माद तोड़ दो... अभ्यांतर इस कारागृह के दुर्गम तम का द्वार तोड़ दो बुझी नहीं बाती दीपित है साधकता बस यहीं जोड़ दो दो जोड़ी चंचल नयनों में दीपित ये प्रकाश जोड़ दो #toyou #yqlove #yqestrangement #yqreflection #yqconnectingwith #yqquest