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ज़मीन जल चुकी है, आसमान बाकी है। सूखे कुएँ तुम्हारा

ज़मीन जल चुकी है, आसमान बाकी है।
सूखे कुएँ तुम्हारा , इम्तहान बाकी है।
बरस जाना वक्त्त पर...
मेघ 
किसी का मकान गिरवी है,
किसी का लगान बाकी है।

©Raj Shakya ज़मीन जल चुकी है, आसमान बाकी है।
सूखे कुएँ तुम्हारा , इम्तहान बाकी है।
बरस जाना वक्त्त पर...
मेघ 
किसी का मकान गिरवी है,
किसी का लगान बाकी है
ज़मीन जल चुकी है, आसमान बाकी है।
सूखे कुएँ तुम्हारा , इम्तहान बाकी है।
बरस जाना वक्त्त पर...
मेघ 
किसी का मकान गिरवी है,
किसी का लगान बाकी है।

©Raj Shakya ज़मीन जल चुकी है, आसमान बाकी है।
सूखे कुएँ तुम्हारा , इम्तहान बाकी है।
बरस जाना वक्त्त पर...
मेघ 
किसी का मकान गिरवी है,
किसी का लगान बाकी है
kyahalhai6003

Raj Shakya

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