दर दर भटकती हूँ अपनो के प्यार के लिए , सुनो ये दुनियावालो आपके पैसे नही बस अपनापन चाहीए ... रात रात जागती हूँ खून के आंसू बहाती हूँ , क्यू हर जगह में सिर्फ नफरत ही पाती हूँ .... क्या गुनाह किया हैं मैने की इतना दर्द देते हो , ताली बजातीहूँ ,दुवाए देती हूँ इसलीये क्या मुझे तडपाते हो..... मुझे भी कहा अच्छा लगता हैं यु ताली बजाना और नाचना गाना , मगर क्या करू भूक हैं मुझे भी इच्छा मारकर मुझे पडता हीहैं ये करना ..... सुना था मैने कही की इंसान की पहचान तन से नही, मन से होती हैं , पर जब मेरी बारी आयी सबको ये बाते लगती हैं ..... साडी पहनकर ,सजती सवरती हूँ इसमे क्या कुसुर हैं मेरा , अलग हूँ तुमसे मगर दिल और खून एक ही हैं ना हमारा ..... हा हु में किन्नर पर इसमे में कुसुरवार कैसे हुई , आपके यु सताने से में अंधेरे में खो गयी........ -राधा plz respect third gender plz... 🙏😔😔 #shadesoflife