कोटा यादों की पोटली बाँधे चले आए थे हम, मन में था उस शहर को छोड़ने का गम।। जब पहली बार आए थे इस शहर, क्या पता था हमे ये हमारे अंदर लाएगा ऐसा कहर।। मन था हमारा बेताब, जब हमने पकड़ा पहली बारी वो किताब।। भले हर किसी को कॉलेज नही मिलता, पर ये शहर सिखलाता है ज़िंदगी मे पाना सफलता।। #कोटा