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'सपना आया रात को आखें खुली थी मेरी। बंद थी तकदीर

'सपना आया रात को आखें खुली थी मेरी। 
 बंद थी तकदीर युल्हन सजी सी थी मेरी। । 


जिदगी आसान तुमने और आसान बना दी।  
वक्त खराब हुआ तुमने नजरें छुपाली। । 


प्यार के वो फसले बड़ से गए। 
तुम मानो या ना मानो मंजिल तुम ही तो थी मेरी। । 


सपना आया रात को आंखे खुली सी थी मेरी। 
 बंद थी तकदीर दुल्हन सजी सी थी मेरी । ।

©Shivam Thakur
  #दुल्हन