काम न करना चाहों तो बहाने हजार बना सकते हो, तुम चाहो तो सहानुभूति पाने के लिये आँसू बहा सकते हो, मगर कभी सोचना जब तुम तन्हा हो अकेले हो एकांत में हो, ये सब बहाने करके क्या तुम खुद को मुँह दिखला सकते हो। अगर हाँ तुम ये सब करके खुद को मुँह दिखला सकते हो, अगर इतना करके भी तुम खुद से नजरें मिला सकते हो, तो यकीन मानो मेरे दोस्त तुम्हारे भीतर का ज़मीर मर चुका है, अब तुम चाहो तो खुद को इस जमी में दफना सकते हो। अब तुम चाहो तो खुद को इस जमी में दफना सकते हो.. #poetry #shayari #motivational