#OpenPoetry बख्श दे जो खुदा तो मैं ये ऐलान करूं भरी महफिल में गमों को सर-ए-बाज़ार करूं उस शख्स की मौजूदगी हो अगर महफिल में गुनाह ही सही पर मोहब्बत को थोड़ा बदनाम करूं... #शिशिरCCR... #alone