चैन भी खोया है नींद भी गवाई है तुम्हारी आरज़ू में खोई है सब सूझबूझ तुम्हारी आरज़ू में अब मिल भी जाओ कहा गुम हो रात दिन तड़प रहे तुम्हारी आरज़ू में बरसो से की हुई महेनत का परिणाम हो तुम किए थे दिलसे सपने बिठाए थे दिमाग में यही पहचान के लिए अब तो इसे पाना ही मंज़िल है और भी पसीना बहा लूंगा तुम्हारी आरज़ू में तुम्हारी आरज़ू में भटकते फिर रहे हैं। #आरज़ू #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi