" दिल तुझे किसका इंतज़ार है अब " आये थे दुनिया में अकेले, जाना भी है दुनिया से अकेले ही, तो क्यूँ ना सफ़र भी जिन्दगी का; शुरु किया जाये अकेले ही अब। यूं ना कर इंतज़ार किसी का, हौसलों को अपनी, और थोड़ी जान दे, फैला पंख, सपनों को अपने और ऊंची उड़ान दे, सफ़र अकेले सुहाना होता है; अपने मन की करने का भी तो बहाना होता है। ना डर अकेलेपन से, यही तुझे ऊंचाईयों पर ले जायेगा, मुड़कर देखेगा जब तू, तो पूरा जहाँ साथ खड़ा नज़र आयेगा। ©Prashant Shakun "कातिब" #किसकाइंतज़ारहै #friends 0907hrs 04th July, 2022