ये संगमरमर सा बदन, ये मखमली सी जुल्फें तेरी, और यह तुम्हारी शोख़ अदाएंँ, कहीं जीते जी मार ना डाले मुझे। तेरी इन्हीं अदाओं का, मैं दीवाना हूंँ, इसीलिए तो हमारी हर एक नज़्म में, ज़िक्र होता है तेरी खूबसूरती का। ये शोख़ अदाएंँ तुम्हारी, बेहकाती है हमें, भटकाती है हमें, लुभाती भी है हमें, और मदहोश भी करती है हमे। ज़िस्म का पैमाना मैं कभी पीता नहीं, मुझे तो चाहिए पैमाना सच्चे जज़्बात का, हाँ मैं जरूर तेरी अदाओं का दीवाना हूंँ, लेकिन इससे भी ज्यादा चाहिए, मुझे तो सिर्फ तेरा किरदार। -Nitesh Prajapati ♥️ मुख्य प्रतियोगिता-1073 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें! 😊 ♥️ दो विजेता होंगे और दोनों विजेताओं की रचनाओं को रोज़ बुके (Rose Bouquet) उपहार स्वरूप दिया जाएगा। ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें।