Nojoto: Largest Storytelling Platform

उतर आयी है कहानी कोई, सवेरों में अविनाश बन के ....

उतर आयी है कहानी कोई,
सवेरों में अविनाश बन के .....

नहीं है जगाया हम ने भी, 
किसी आहट में खुद को .....

चली आयी है देखो वो भी,
पायलों को हाथ में ले के .....

देखा नहीं है सपना कोई, 
अभी तलक जो हमने .....

आज सिराहने बैठ वो मेरे,
उसी सपने का अधिकार ले के आयी है .....

धड़कने सुन रही है वो भी अब,
बैठ कर सिर्फ मेरी .....

बातें लिख रही है वो भी,
होठों की कलम से हथेली पर जो मेरी ......

कुछ ना कहने की देखो जैसे,
कोई मजबूरी साथ वो ले के आयी है .....

कहूँ मैं क्या उसे और कैसे ??

रूठ जाती है अब तो, 
वो पिया नाम सुन के .....

लो सिल लिये देखो,
अविनाश ने आज होठ अपने .....

जैसे ही रख दी ऊंगली होठ पे उसने,
कहा कुछ नहीं हमने भी देखो ज़िद्द में अपनी .....

बस चूम ली हैं हमने भी,
वही ऊंगली देखो उसकी ......

बहोत दिनों बाद वो भी,
अपने प्यार का जो अधिकार जीने आयी थी ......

अविनाश की रूचि नहीं है अब कभी,
सर्दियों के सवेरों में जगने की ......

जो जग जायेगा अविनाश अगर ऐसे, 
तो फिर पिया मिलने का, 
फिर अधिकार कैसे पायेगी ...... ?????

          - @vinash #NojotoQuote
उतर आयी है कहानी कोई,
सवेरों में अविनाश बन के .....

नहीं है जगाया हम ने भी, 
किसी आहट में खुद को .....

चली आयी है देखो वो भी,
पायलों को हाथ में ले के .....

देखा नहीं है सपना कोई, 
अभी तलक जो हमने .....

आज सिराहने बैठ वो मेरे,
उसी सपने का अधिकार ले के आयी है .....

धड़कने सुन रही है वो भी अब,
बैठ कर सिर्फ मेरी .....

बातें लिख रही है वो भी,
होठों की कलम से हथेली पर जो मेरी ......

कुछ ना कहने की देखो जैसे,
कोई मजबूरी साथ वो ले के आयी है .....

कहूँ मैं क्या उसे और कैसे ??

रूठ जाती है अब तो, 
वो पिया नाम सुन के .....

लो सिल लिये देखो,
अविनाश ने आज होठ अपने .....

जैसे ही रख दी ऊंगली होठ पे उसने,
कहा कुछ नहीं हमने भी देखो ज़िद्द में अपनी .....

बस चूम ली हैं हमने भी,
वही ऊंगली देखो उसकी ......

बहोत दिनों बाद वो भी,
अपने प्यार का जो अधिकार जीने आयी थी ......

अविनाश की रूचि नहीं है अब कभी,
सर्दियों के सवेरों में जगने की ......

जो जग जायेगा अविनाश अगर ऐसे, 
तो फिर पिया मिलने का, 
फिर अधिकार कैसे पायेगी ...... ?????

          - @vinash #NojotoQuote