"कृष्ण" कृष्ण हर नन्ही किलकारियो में है कृष्ण हर एक खुशियां है कृष्ण मुस्कान है होठो की कृष्ण नटखट सी पहचान है कृष्ण मूरत है प्रेम की कृष्ण सूरत है अटूट बन्धन की कृष्ण अलबेला है कृष्ण चित हरणे वाला है कृष्ण ही राम है कृष्ण ही विष्णु है कृष्ण ही संसार है कृष्ण त्याग है प्रेम का कृष्ण राग है जीवन का कृष्ण सुर है ,कृष्ण बांसुरी की धुन है । कृष्ण पूरी ब्रह्माण्ड है मगर अधूरे है राधा बिन । कृष्ण दोस्ती के अलाप है कृष्ण महाभारत का सार है कृष्ण गीता है कृष्ण ही रामायण की राम है कृष्ण विष्णु की पुराण है कृष्ण प्रकृति की पुकार है कृष्ण ग्वालों की शान है कृष्ण गौ पर विराजमान है कृष्ण मोर , राधिका, गोपियों संग नृत्यकर्ता है कृष्ण मोहने वाला माखनचोर है कृष्ण बाके बिहारी है कृष्ण गिरधर धारी है कृष्ण राधा के प्रीतम मीरा की भक्ति और रुक्मणि के पति देव इस संसार के सर्वत्र है कृति- अनिमेष मण्डल कृष्ण सुर है कृष्ण बांसुरी की धुन है #Janamashtmi2020