प्यार की कश्ती में, बढ़ते चले गए। न रुके न संभले, बड़ी दूर निकल गए। अच्छा था सफर, जब साथ था हमसफ़र। तभी थोड़ी तूफान क्या उठी, वो तो रहगुज़र से भटक गए। #प्यार की #कश्ती में, बढ़ते चले गए। न रुके न संभले बड़ी #दूर निकल गए। अच्छा था #सफर, जब साथ था #हमसफ़र। तभी थोड़ी #तूफान क्या उठी, वो तो #रहगुज़र से भटक गए।