इस ज़माने में सच्चा,इश्क़ अब हार रहा है। खुस वही है जो,दस जगह मुंह मार रहा है।। हमपे मरने वाले को भी,हमने देखा यारो। वो किसी और पे,अपनी चाहत वार रहा है।। खुस वही है जो,दस जगह मुंह मार रहा है।। हमने रोते देखा है,मोहब्बत में घुट घुट के। और कोई ज़ुबा से बस,इश्क़ में बिमार रहा है। खुस वही है जो,दस जगह मुंह मार रहा है।। आनन्द को हो गयी,मोहब्बत उनसे ही यारो। जिनके जिस्म का,बस गरम बाजार रहा है।। खुस वही है जो,दस जगह मुंह मार रहा है।। ©Anand Singh Paliwal #khush #Wahi #Hai