The mountain, इस जगत में प्रत्येक वस्तु स्वयं है। हम कहते हैं मेरा खेत, मेरा बगीचा। जिस तरह मुरली को लेकर घमसान मचा है, आज नहीं कल, चांद और सूरज पर दावा खड़ा होगा। अमरीका कहेगा मेरा या रूस कहेगा मेरा। कल तक वो किसी का भी न था। बस चांद था। चांद का ही था। लेकिन अब कोई न कोई दावा होगा। और आज नहीं कल, संघर्ष खड़ा होगा। आदमी जहां भी पैर रखता है वहीं अपने मैं की छाप लगा देता है। यही खतरनाक है इसी को समझना है। #mountainclimbing