जिस्म से रूह तक बिजली के तारों से बस तुम ही तुम बिछे हुए हो; जाहिर है मेरा जहां रौशन भी तुम ही करोगे उफ्फ ....जाने जाँ जानलेवा भी तुम ही होगे!! ~©Anjali Rai जिस्म से रूह तक बिजली के तारों से बस तुम ही तुम बिछे हुए हो; जाहिर है मेरा जहां रौशन भी तुम ही करोगे उफ्फ ....जाने जाँ