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जिस्म से रूह तक बिजली के तारों से बस तुम ही तुम

जिस्म से रूह तक 
बिजली के तारों से बस 
तुम ही तुम 
बिछे हुए हो;
जाहिर है 
मेरा जहां रौशन भी
तुम ही करोगे
उफ्फ ....जाने जाँ
जानलेवा भी तुम ही होगे!! 

~©Anjali Rai जिस्म से रूह तक 
बिजली के तारों से बस 
तुम ही तुम 
बिछे हुए हो;
जाहिर है 
मेरा जहां रौशन भी
तुम ही करोगे
उफ्फ ....जाने जाँ
जिस्म से रूह तक 
बिजली के तारों से बस 
तुम ही तुम 
बिछे हुए हो;
जाहिर है 
मेरा जहां रौशन भी
तुम ही करोगे
उफ्फ ....जाने जाँ
जानलेवा भी तुम ही होगे!! 

~©Anjali Rai जिस्म से रूह तक 
बिजली के तारों से बस 
तुम ही तुम 
बिछे हुए हो;
जाहिर है 
मेरा जहां रौशन भी
तुम ही करोगे
उफ्फ ....जाने जाँ