मेघों को मेरा निमंत्रण है मेघों को कोयल,पपिया,मोर, झरने,नदियों का निमंत्रण।। आ जाहो तुम उमड़,घुमड़ कर काले घनघोर मेघ तुम बरस जाहो प्यास मिठा कर अमृत बरसा दो मोर ,पपिया तुम्हारा गान कर रहें।। बैठी वो नायिका तुम्हारे इंतजार में तुम आहोगें तो उसका साजन घर आएगा। वो विरद विदेना में तड़प रही उसकी प्यास मिठाने मेघ तुम आजोहा। जब बिजलिया चमकेगी तो काले बादल छाएंगे तो,ये मन बेचन होगा,जब तुम्हारे आने की आस बड़ेगी मेघ तुम्हारे बरसने से मन की प्यार बुझेगी।। ये आँखे अब बरसने लगी है मेघ तुम आ जाहो भू धरा तरसने लगी है मेघ तुमको मेरा निमंत्रण है।। मेघों को मेरा निमंत्रण