बाहर से भले खुश दिख रहे.हैं अन्दर हजारों गम है छुपाये। तेरे चाहने वाले.हैं कब से दिल का हाल किसको बतायें। कभी तो मिलन हो सकेगा कभी तो आयेंगी खुबसूरत रातें। दिल पर कितने सितम हुये हैं हाले दिल दिलबर कैसे बतायें। शायरः-शैलेन्द्र सिंह यादव #NojotoQuote शैलेन्द्र सिंह यादव की शायरी बाहर से भले ही।