शुरु से शुरु करने को ये रात है! दिल में रखी हज़ारों बात हैं ! जाम उठाके जो कहना है, कहता क्यूं नही ये दिल !! क्या महेज़ अभी, दोस्ती की शुरुआत है !! ठहरा हुआ सा है, सब कुछ समां में !! वक्त लगेगा इश्क़-ए-मुसाफ़िर, अभी तो, ये पहली मुलाकात है !! - प्रवीन कुमार ©Praveen friendship to love !!