चाँद से सुन्दर तन -मन वाले, उनका एक आफ़ताब हूँ मैं। दिल में वो घर करने वाले, मिलने को बस बेताब हूँ मैं। उनकी नजर के हर सवाल का एक सटीक ज़वाब हूँ मैं। उनकी आंखों में आने वाला, एक हंसीन सा ख्वाब हूँ मैं। अपनी अदाओं से मन हरने वाले, उनका बस एक अंदाज हूँ मैं। शर्मोहया से बंद लवों की मनमोहक आवाज़ हूँ मैं। वे मेरा पूरा उपवन हैं, उनका लाल गुलाब हूँ मैं। वो मेरा जीवन संगीत हैं, बस एक छोटा सा साज़ हूँ मैं। बस एक छोटा सा साज़ हूँ मैं।। मन की कलम से............... ©Ganesh Kumar Verma #लालगुलाब