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"तपिश-ए-इश्क" जमीं और आसमां के मिलन का वक्त आया

"तपिश-ए-इश्क"

जमीं और आसमां के मिलन का 
वक्त आया है। 
चंचल मन में एक नया उमंग 
भर आया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!1!!
प्रियतम को रिझाने का 
वक्त आया है। 
तपिश इश्क की बुझाने का 
वक्त आया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!2!!
दीदार-ए-हुस्न का वक्त आया है। 
चाँद जमीं पर उतर आया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!3!!
रूठने मानाने का वक्त 
आया है। 
प्रियशी ने प्रियतम की याद में 
खूब अश्रु बहाया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!4!!
जिसने सहा दर्द-ए-दिल 
समझ पाया है। 
सुन विरह-वेदना अकेला का भी 
नैन भर आया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!5!!

©Rashid Akela तपिश-ए-इश्क़ (लेखक -रशीद अकेला)

#OneSeason
"तपिश-ए-इश्क"

जमीं और आसमां के मिलन का 
वक्त आया है। 
चंचल मन में एक नया उमंग 
भर आया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!1!!
प्रियतम को रिझाने का 
वक्त आया है। 
तपिश इश्क की बुझाने का 
वक्त आया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!2!!
दीदार-ए-हुस्न का वक्त आया है। 
चाँद जमीं पर उतर आया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!3!!
रूठने मानाने का वक्त 
आया है। 
प्रियशी ने प्रियतम की याद में 
खूब अश्रु बहाया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!4!!
जिसने सहा दर्द-ए-दिल 
समझ पाया है। 
सुन विरह-वेदना अकेला का भी 
नैन भर आया है। 
देख इश्क-ए-उल्फ़त आज 
सावन भी मुस्कुराया है। !!5!!

©Rashid Akela तपिश-ए-इश्क़ (लेखक -रशीद अकेला)

#OneSeason
rashidakela2841

Rashid Akela

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