मेरी अभिलाषा भी तुम, मेरी इबादत भी तुम, मेरे अंतःकरण से निकला हुआ भाव हो तुम। साँसे भी तुमसे, जिंदगी भी तुमसे, मेरा आरंभ भी तुम और मेरा अंत भी तुम। प्रतियोगिता पोस्ट P.P.015 #PP_शब्दरेखा_मेरीअभिलाषा ➡️विषय पर अपने स्वयं के भाव-व्यक्त कीजिये। स्वरचित रचना ही मान्य है।