सूरज को रोशनी दे वो वैसा उजाला था। मुगलों के खातिर तो काफी प्रताप का भाला था। वह राणा जो झुका नहीं अकबर की तलवारों से। जो शायद है बड़ा सूरज चंदा और सितारों से। जिसने स्वाभिमान के खातिर अकबर से समर किया। जिनकी तलवारों ने हल्दीघाटी को अमर किया। वो राणा जिसने आधा हिंदुस्तान ठुकराया था। दुश्मन के आगे जिसने कभी सर नहीं झुकाया था। थी शपत भवानी की उसको दुष्टों को मिटाउगा। अब की हुई समर तो मारूंगा या मर जाऊंगा। जैसे मर्यादा पुरुषोत्तम को वन में सबरी मिल जाती है। किस्मत राजा को भी घास की रोटी खिलवाती है। जैसे श्री राम सेना को जोड़कर रावण पर तन जाते हैं। वैसे महाराणा भी भीलो को समझाते हैं। एकलिंग की शपथ लिए जो रणचंडी बन जाता था। उसके युद्ध को देख अकबर शिखंडी बन जाता था। हर हर महादेव का नारा बच्चा बच्चा गाता था। इनकी गोंजो से तब दिल्ली भी डर जाता था। चेतक घोड़ा होकर भी हाथी से भिड़ जाता था। उसकी साहस देख अकबर का भी सर झुक जाता था। धन्य भूमि मेवार जिसने ऐसा पुत्र पाया। धन्य जयवंती बाई जिसने ऐसा पुत्र जाया। ।।मिटा है ना मिटेगी शान राजपूताने की।। ।।सितारों सी चमकती रहेगी आन राजपूताने की।। #rajputana #maharanapratap #maharanapartap #jayshreeram