तीजा स्पेशल सभी कुंवारे भाईयो को समर्पित... दुबे जी के तीजा उराव कहिन दुबे तीजा माही, अब हमहु पांच उपासी। गोर नार अउ फक्क मेहेरिया, जउने पायी खासी। आजु काल्हि ता कलजुग माही, अइसन दुलही अउती हइ। काम चिन्त मा मन ना लागय, ऊपर से डेरबउती हइ। खाये परत है भूजा- कतरा, कइयक दिन के बासी। गोर नार अउ फक्क मेहेरिया, जउने पायी खासी। पान खाई का एक ना बरजइ, मुँह ना रोज खोलाबय। चार जाने के सउहे पुन उवा, एक्कउ ना गरियाबय। काज के पहिले करा मनौती, सुन्दर मिलै मेहेरिया। बाप-दादा के तोरा जानय, पोते रहै डेहेरिया। हितुआ भाइन का पुन मानय, बोलय सिम्पल भाषी। गोर नार अउ फक्क मेहेरिया, जउने पायी खासी। राईटर- सूरज दुबे (बघेली हास्य कलाकार)