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एक आदमी समस्या से घिरता है, एक आदमी समस्या से जूझत

एक आदमी समस्या से घिरता है,
एक आदमी समस्या से जूझता है,
एक आदमी समस्या सुलझाता है,
और एक अनोखा आदमी भी है
जो समस्या से कमाता है।
अनाज, दलहन, तिलहन की
खेती के मौसम होते हैं,
समस्या का कोई मौसम नहीं होता।
कोयला, तेल खत्म हो जाएंगे,
समस्या खत्म नहीं होगी।
पेट दर्द की दवा से सिर दर्द नहीं होता
पर समस्या के समाधान
आसानी से नई समस्या बनते हैं।
और ये बात सिर्फ हमारे राजनेता
सिद्धांत और व्यवहार में समझते हैं।
इसलिए दवा मत बनाओ,
बीमारियों पर शोध-पत्र निकालो,
कई बार बीमारी बनाई नहीं जाती तो
हिले हुए लोगों का साक्षात्कार निकालो,
उनसे पूछो, भाई बीमार हुए तो क्या होगा?
अगर वो पूछे कि कौन सी बीमारी से
तो कहो, वही जो आजकल फैशन में है,
या खुद कल्पना करिए कि
वो कौन से दर्द हैं, जिससे आपका
बुरे से बुरा होगा! समस्याजीवी उर्फ राजनेता
एक आदमी समस्या से घिरता है,
एक आदमी समस्या से जूझता है,
एक आदमी समस्या सुलझाता है,
और एक अनोखा आदमी भी है
जो समस्या से कमाता है।
अनाज, दलहन, तिलहन की
खेती के मौसम होते हैं,
समस्या का कोई मौसम नहीं होता।
कोयला, तेल खत्म हो जाएंगे,
समस्या खत्म नहीं होगी।
पेट दर्द की दवा से सिर दर्द नहीं होता
पर समस्या के समाधान
आसानी से नई समस्या बनते हैं।
और ये बात सिर्फ हमारे राजनेता
सिद्धांत और व्यवहार में समझते हैं।
इसलिए दवा मत बनाओ,
बीमारियों पर शोध-पत्र निकालो,
कई बार बीमारी बनाई नहीं जाती तो
हिले हुए लोगों का साक्षात्कार निकालो,
उनसे पूछो, भाई बीमार हुए तो क्या होगा?
अगर वो पूछे कि कौन सी बीमारी से
तो कहो, वही जो आजकल फैशन में है,
या खुद कल्पना करिए कि
वो कौन से दर्द हैं, जिससे आपका
बुरे से बुरा होगा! समस्याजीवी उर्फ राजनेता