बचपन एक बचपन का जमाना था जिसमे खुशियों का खजाना था... चाहत चांद को पाने की थी पर, दिल तितली का दीवाना था... खबर ना थी कुछ सुबह की ना शाम का ठिकाना था... थक कर आना स्कूल से पर, खेलने भी जाना था... मां की कहानी थी परियों का फसाना था... बारिश की कागज की नाव थी, हर मौसम सुहाना था... रोने की वजह ना थी ना, हसने का बहाना था... क्यूं हो गए हम इतने बड़े इससे अच्छा तो वो बचपन का जमाना था...वो बचपन का जमाना था।.. ©Riyanshu Thakur #ChildrensDay Dhanraj Gamare srk Writers बचपन पर कविता