मां बचपन की कुछ बातें मेरी फिर से तुम दोहराओ ना मां मुझे सुलाने के लिए वह बचपन की मेरी लोरी मेरी फिर से तुम गुनगुनाओ ना मैं जब मैं रेंगते पैरों से सारी दुनिया घूम आता था मां फिर से मुझे पकड़ने के लिए वही दौर भाग लगाओ ना मेरी नादानियां मैं तुम मुझे डांट लगाती थी जब मैं रोने लगता था तुम खुद रोने बैठ जाती थी मां मुझे फिर से आज अपनी ममता के आंचल में समेट लो फिर से आज मुझे अपनी गोद में खिलाओ ना आज मैं फिर से वही बच्चा बन जाऊं तुम मुझसे वही लाड लगाओ ना..... #NojotoQuote #happy-mothersday