महकना छोड़ दो गर तुम, बहकना छोड़ दूंगा मैं ; अदायें बख्श दो गर तुम, आवारगी छोड़ दूंगा मैं । तुम्हारी इक नजर पड़ने से, सारे दर्द मिटते हैं ; तू मुझमें मुकम्मल हो अगर, दुनिया छोड़ दूंगा मैं ।। ©RISHI SHUKLA #rishishukla #wetogether