सरकारी तैयारी का बस फरमान बदलने लगता है.. बादशाहत बदलने लगती है और उनवान बदलने लगता है.. सब बारी-बारी, अपनी-अपनी खुद ही प्रशंशा करते हैं.. ताक़त आते ही सत्ता की क्यों ईमान बदलने लगता है.. इस कलयुग की दुनियाँ में कुछ भी नही है मुस्तकिल.. वक़्त बदलने लगता है और इंसान बदलने लगता है.. दौलत ही तय करती है कि किससे किससे मिलना है.. जैसे ही धन आता है मेहमान बदलने लगता है.. कभी कभी तो एक पल, कभी जीवन ही लग जाता है.. धीरे-धीरे अपनो के बारे में अनुमान बदलने लगता है.. लोग कहते है कि इश्क़ में है वो जादुई ताक़त.. इश्क़ करो शैतान से तो शैतान बदलने लगता है.. -✍️ पीयूष बाजपेयी 'नमो' (काव्यपीयूष)— % & #kaavyapeeyush #काव्यपीयूष #prb #नमो #बदलने_लगता_है #poeticpeeyush #amateurwriter