हर डाल से क्यू पक्षी उड़ाये जा रहे है लगता है गांव उजाड़कर शहर बसाये जा रहे है उनसे भी पूछो उन्हें नया घर चाहिए कि नही बेजुबान है तो उनपर क़हर बरपाये जा रहे है उसका सारा वज़ूद मिटा देने वालो आशियानें को कौन बताएगा कि पराये जा रहे है सुना है बेज़ुबानों का बदला ख़ुदा लेता है उसे सब पता है कौन कितने सताये जा रहे है -(क्षत्रियंकेश) पक्षी!