यूं तो मिलते हैं मुसाफिर कहीं रास्ते में पर प्रारंभ से अंत तक कोई साथ नहीं होता तलाश है ऐसे हमराही कि जो प्रारंभ से अंत तक हमसफर सा बनके के चले हमराह मेरी मंजिल का जो होगा, दिल की आवाज़ सुनेगा मेरी आँखो में आँखे डाल, ज़माने में मेरी ज़ुबाँ से बोलेगा #yqdidi #mkdiaries #yqquotes #हमराह #ishq