घूंघट में चाँद घुंघट में छुपा था चाँद और उसे बेपरदगी में ढूंढ रहा था नजरों को बेसब्र कर हर और तलाश रहा था वह तो बस एक था उसको लाखों में तराश रहा था बादलों का घूंघट ओढ़ इस जहां की नजरों से छुप रहा था #घुंघट में चाँद