सब जा चुके इस काली सर्द रात के आग़ोश में, इक मैं हूँ जो उनींद आखों से भी जगा हूँ। सपने हैं पूरे करने कुछ, तब ही इस अग्निपथ पर यूँ दृढ़ रहकर खड़ा हूँ।। ◆ #दुर्गमेघजैसलमेर777 ©दुर्गमेघजैसलमेर777 #coldnights