बिछड़ें और फिर मिलने का वादा लेकर जाएंगे, सब आज यहाँ से यारों संग में क्या क्या लेकर जायेंगे, कुछ तो लेकर जाएंगे मेहबूब की आँखों की गहराई, कुछ हम'से पागल आज भी खुद को प्यासा लेकर जायेंगे, दिल छुपा ली हैं सबने सबके संग में यादें कई, फिर भी खुद को आज सभी यहाँ तन्हा लेकर जायंगे, कर दी अता यार ने हमको इश्क़-ए-इनामी ये यारों, दिल में ख़लिश और आँखों मे कतरा लेकर जायेंगे, ना ही किसी से हाँथ मिलाया ना ही किसी से बोले हम, बज़्म-ए-जाना से हम खुद रुसवा लेकर जायेंगे, दूर ही ऐ 'सचिन' तुमने सबको एक नज़र देख लिया, क्या खुद को शहर में अपने ऐसा लेकर जायेंगे।। #last_day_of_college #separation #friends #sachin_poety