लहरों के संग, बह जाना है तेरे एहसासों से, तेरा हाथ पकड़ कर ले जाना है, तुझे साहिल के सहारे। ले जाना है तुझे ऐसी जगह, जहाँ हो शांत समुद्र का किनारा, शाम भी हसीन हो, लहरें भी बेमिसाल हो, कायनात भी साक्षी हो। मेरी साँसों में तेरी साँसे हो, रेत पर तेरे कदमों के निशान हो, लहरें भी छूकर वापस गुजरे उसे, साहिल भी अपने होशो हवास में हो। तेरी मेरी यारी देखकर, बादल भी गरजे सारे, बरसे हल्की हल्की बारिश की बूंदे, जो भीगा ये हमें सुहाने लम्हों से। मैंने तो कर दी यह जिंदगानी तेरे नाम, चलना यूँ ही मेरे साथ साथ, जिंदगी तो यूँ ही गुज़र जाएगी तेरे साथ साथ। -Nitesh Prajapati ♥️ Challenge-808 #collabwithकोराकाग़ज़ ♥️ इस पोस्ट को हाईलाइट करना न भूलें :) ♥️ रचना लिखने के बाद इस पोस्ट पर Done काॅमेंट करें। ♥️ अन्य नियम एवं निर्देशों के लिए पिन पोस्ट 📌 पढ़ें।