हिंदी फिल्म में बेहतरीन हाव-भाव वाले पुरुष चरित्र हमेशा हास्य पद करने वालों के मध्य में रहते चाय शोले का वह शादी हो जय और वीरू के जेलर की खबरें का बता देते हुए या फिर बोले बच्चन में अब्बास अली हो या फिर गैंग्स ऑफ वासेपुर में आइटम बम का चरित्र यह तीनों फिल्म अलग अलग दर्शक वर्ग के लिए अलग-अलग समय में बनाई गई है पर तीनों में एक समानता है समलैंगिक किरदारों को अपनी परिवार की कहानी हिस्सा बनाया हिंदी सिनेमा सिनेमा वर्ष की काफी बोल्ड हुआ और कई अनछुए पहलुओं को सिनेमा के पर्दे पर दर्शकों के सामने परोसने का साथ कर पाया इस फिल्म में रिश्तो की उलझन जलता है उसके मन और दिल में दबे रहने वाले ऐसे जज्बातों का था जिसमें आम तौर पर पूरे सभी के सामने हमारे समाज में परंपरा कभी नहीं रही है उसे अश्लीलता कहते हुए इनकार कर दिया लेकिन सच के सामान्य वालों ने उसे पकड़ है आदि विषयों को कहीं से हम आम तौर पर वह जो हमारे समय का छापा सच है गोल्ड का मतलब केवल अभिनेता अभिनेत्री के अंतर्गत है और इस तरह जीवन में प्यार की परिभाषा से ©Ek villain #अनछुए पहलुओं को भारता हिंदी सिनेमा #Love