क्या , क्या सोच रही हो क्या लग रहा हैं छिपा पा रही हो, हस रही हो , किस लिए दिखाने के लिए खुश हो तुम सच कहना , ऐसा नहीं लगता खुद पे हस रही हो , छोरो ये बताओं डर रही हों, अगर नहीं तो कोई बात नहीं, और अगर हां तो क्यों , की तुम अकेली हो जाओगी , सुनो समझो खुद को , खुश रहो न , क्यों? क्यों अंदर ही रो रही हो , मुस्कुराते रहो , मुस्कुराते अच्छी लगती हो । talking to with soul ©# pallavi singh #DarkWinters talking to my soul