रुख़सत हुई है जिंदगी, फैसला नायाब कर लिया। जैसे इक नदी ने किनारे से ही किनारा कर लिया। #विश्वेन्द्रा ©Kavi Arvind Vishvendra #Shayar #Shayari #poem #Poetry #Nofear