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"सूक्ति-सुधा" "पृथ्वियां त्रीणि रत्नानि जलमन्नम स

"सूक्ति-सुधा"

"पृथ्वियां त्रीणि रत्नानि जलमन्नम सुभाषितं।'

पृथ्वी पर मात्र तीन ही रत्न हैं- जल, अन्न और सुन्दर वाणी/भाषा।

"मूढै: पाषाण-खंडेषु रत्न-संज्ञा विधीयते।"

मूर्ख लोग पत्थर के टुकुड़े को ही रत्न समझते हैं।

©Bazirao Ashish #सूक्ति _सुधा
"सूक्ति-सुधा"

"पृथ्वियां त्रीणि रत्नानि जलमन्नम सुभाषितं।'

पृथ्वी पर मात्र तीन ही रत्न हैं- जल, अन्न और सुन्दर वाणी/भाषा।

"मूढै: पाषाण-खंडेषु रत्न-संज्ञा विधीयते।"

मूर्ख लोग पत्थर के टुकुड़े को ही रत्न समझते हैं।

©Bazirao Ashish #सूक्ति _सुधा