तुझें भूलूं कैसे! याद तो तू आज भी है, मेरी करवाहटों में, याद तो तू आज भी है , मेरे ज़ख्मों में याद तो तू आज भी है, मेरे खराशों में याद तो तू आज भी है, मेरे अंधेरों में याद तो तू आज भी है, मेरी अनकहीं बातों में याद तो तू आज भी है, मेरे सूनेपन में याद तो तू आज भी है ,मेरे टूटे हृदय में याद तो तू आज भी है, उन अधुरें वादों में याद तो तू आज भी है, मेरे सुखें आँसुओं में याद तो तू आज भी है, मेरी बर्बादियों में याद तो तू आज भी है, मेरी नफरतों में याद तो तू आज भी है, मेरी जागती रातों में याद तो तू आज भी है, मेरे माथे के सिकन में याद तो तू आज भी है मेरी हथेली की टेढ़ी मेढ़ी लकीरों में अब तू ही बता तुझें भूलूँ कैसे! -श्वेता सिंह तुझे भूलूँ कैसे