खुदा की नेमत से मिला,ये दिले-ए-नादान बंजारा हो गया, निकल पड़ा नावाक़िफ़ राह पर हयात-ए-किनारा हो गया, याद करेगा ये जमाना ऐसा मसर्रत-ए-तराना छोड़ गया। #बंजारा #हयात #myquote