गरीब आशिक बारहा सिफर में रहते हैं। मुर्दे भी कहाँ देर तक घर में रहते हैं। जब कुछ नहीं बचता तो गाँव लौटते हैं, जब तक कमाते हैं, शहर में रहते हैं। होता है ज़िक्र उनका ही, हर महफ़िल में, मैं जहाँ भी रहूँ, वो नज़र में रहते हैं। खुश होते हैं वो कि बहुत दूर हैं मुझसे, पर मेरे सपने उनके सफ़र में रहते हैं। वो कामयाब हुए जो बाहर निकल गए, हम तो आज भी इसी खंडहर में रहते हैं।। गरीब आशिक #yqbaba #yqdidi #yqhindi #yqbhaijan #vks #yqmuzaffarpur #yqgudiya #yqvks