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एक तिरसी चुभती रहती है तेरी ये खामोशी, नजाने कित

एक तिरसी चुभती रहती है तेरी ये खामोशी, 
 नजाने कितने सैलाब 
दिल में दबाये हो....





विजय कदम.... बदनाम शायरी.... 

#river
एक तिरसी चुभती रहती है तेरी ये खामोशी, 
 नजाने कितने सैलाब 
दिल में दबाये हो....





विजय कदम.... बदनाम शायरी.... 

#river
vijaykadam7646

vijay kadam

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