तुम पुरूष हाे,तुम राे नहीं सकते तुम पर है जिम्मेंदारियां बहुत, तुम उनसे मुँह माेड़ नहीं सकते अनुशीर्षक में पढ़े.. सीता जब बिछुड़ी राम से, वाे भी ताे राेए थे। वन-वन की खाक छाना, राताें काे नहीं साेए थे। माधव जाे बिछड़े राधा से, मुस्कुराहट अपनी भूल गए।