बचपन में बड़े होना था... बड़े हुए तो लगता है, बचपन और जीना था। कभी चुप्पी देख लगा था... क्यों सहती है मां सब, सबसे प्यार जो करना था। गंभीरता पिता की खटकती थी... अब वो मर्म समझ आता है। उस मौन का संदर्भ, औचित्य समझता है। /caption/ बचपन में बड़े होना था... बड़े हुए तो लगता है, बचपन और जीना था। कभी चुप्पी देख लगा था