कर्या -ए-रूह में इक ख्याल आ गया, देखकर उसको इक सवाल आ गया। किसी को मिली प्यार भरी फटकार , तो उस पर पङी मजूरी की मार ।। सोचकर ये दिल भी मचल गया , आज फिर इक बचपन कुर्बां हो गया।। बाल मजूरी