प्रातः पंछियों का कलरव चित्रित सुंदर लगता नभ नवनीत से हो गए घन उडान भरता है निश्छल मन मोतियों से दमकता हरित तन जीवों की हरती थकन नवऊषा की प्रथम किरण जो देखे प्रगति के स्वप्न पूर्ण होने के करते जतन होता नव उमंग का सिंचन हर्षित हो जाता जन जन हर ओर बिखरा प्रातः धन कोई नहीं इस से निर्धन ।। #nojotohindi#nojotophotography#kavita#poetry#morning#subah#pratahkaal#प्रातःकाल