Nojoto: Largest Storytelling Platform

आजकल देश की उच्च शिक्षा फिर में चर्चा में है वर्तम

आजकल देश की उच्च शिक्षा फिर में चर्चा में है वर्तमान कारण उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से आने वाली नियुक्तियों के नियम है कोई भी बंदा वास्तव में मुश्किल होता है ऐसे में देश की शिक्षा नीति को लागू करने की बनाएं प्रधान शिक्षा में अपनी जड़ों को हादसे जमाए हुए लोगों को विचलित कर रहे हैं उन्हीं में एक प्रदान है उच्च शिक्षा में पढ़ने की योग्यता से पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म करना यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने और विशेष पदों को बनाने की भी योजना बना रहा है जिनमें पीएचडी की आवश्यकता नहीं होगी नए पदों के पीछे विचार यह है कि अनुभवी और उद्योगों की काम करने वाले लोगों को छात्रों को साथ अपना ज्ञान साझा करने की अनुमति दी जाएगी शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए देश के बाकी व्यवस्थाएं बनती है और शिक्षा देने वाले इस के बहुत बड़े जिम्मेदारी भी होती है इसलिए भविष्य की बागडोर किसी के हाथ में होगी यह नीतियों से तय करना बहुत ही जरूरी है विश्व के अधिकांश देशों में उच्च शिक्षा प्रदान करने का मानक पीएचडी को माना गया यह शोध करके प्राप्त की गई डिग्री है इसकी डिग्री क्यों नहीं है यह सब उच्च शिक्षा उपलब्ध है विश्व के हर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले अपनी उम्र का बड़ा हिस्सा किसी विषय में शोध करने में लगाते हैं जिसमें उन्हें डिग्री और भविष्य की पीढ़ियों को तैयार करने में और विषय की समझ की मान्यता मिलती

©Ek villain #विकसित हो नया नजरिया शिक्षा के दौर में

#LostInSky
आजकल देश की उच्च शिक्षा फिर में चर्चा में है वर्तमान कारण उच्च शिक्षा विभाग की तरफ से आने वाली नियुक्तियों के नियम है कोई भी बंदा वास्तव में मुश्किल होता है ऐसे में देश की शिक्षा नीति को लागू करने की बनाएं प्रधान शिक्षा में अपनी जड़ों को हादसे जमाए हुए लोगों को विचलित कर रहे हैं उन्हीं में एक प्रदान है उच्च शिक्षा में पढ़ने की योग्यता से पीएचडी की अनिवार्यता को खत्म करना यूजीसी यानी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने और विशेष पदों को बनाने की भी योजना बना रहा है जिनमें पीएचडी की आवश्यकता नहीं होगी नए पदों के पीछे विचार यह है कि अनुभवी और उद्योगों की काम करने वाले लोगों को छात्रों को साथ अपना ज्ञान साझा करने की अनुमति दी जाएगी शिक्षा एक ऐसा माध्यम है जिसके जरिए देश के बाकी व्यवस्थाएं बनती है और शिक्षा देने वाले इस के बहुत बड़े जिम्मेदारी भी होती है इसलिए भविष्य की बागडोर किसी के हाथ में होगी यह नीतियों से तय करना बहुत ही जरूरी है विश्व के अधिकांश देशों में उच्च शिक्षा प्रदान करने का मानक पीएचडी को माना गया यह शोध करके प्राप्त की गई डिग्री है इसकी डिग्री क्यों नहीं है यह सब उच्च शिक्षा उपलब्ध है विश्व के हर विश्वविद्यालय में पढ़ने वाले अपनी उम्र का बड़ा हिस्सा किसी विषय में शोध करने में लगाते हैं जिसमें उन्हें डिग्री और भविष्य की पीढ़ियों को तैयार करने में और विषय की समझ की मान्यता मिलती

©Ek villain #विकसित हो नया नजरिया शिक्षा के दौर में

#LostInSky
sonu8817590154202

Ek villain

New Creator