।। रंगोली ।। माना घाटा तो बहुत है इस राह में पर कभी कभार अपने मन की भी सुन लिया करें हक़ीक़त में ना हो पूरी ,तो ना सही ख़्वाव में ही कुछ हसरते भी बुन लिया करें उनके दामन में आ जाये ये सिर्फ़ फूल चाह है तो कभी ख़ुद बाग़ से कांटें भी चुन लिया करें ज़न्नत को छूने का ग़र,मन करे कभी चरण माँ-पिताजी के भी छू लिया करें दूजे की ख़ुशी सदा ज्यादा ही लगती है अपनी भी तो एक आध बार गिन लिया करें ज़िंदगी खूबसूरत है एक रंगोली की तरह सुख-दुख के रंगों में,ख़ुद को भी रंग लिया करें @विकास ©Vikas sharma #MorningTea रंगोली