ख्वाब सपने नींदे हंसी, क्या-क्या चुराने आए हो लो मै आ गया, कितन इंतजाम करके आए हो बुझेगा नही अपने आप से, ये दिपक नूर का जिस दिल मे रहते हो, वही पर रोशनी चुराने आए हो जुर्म कत्ल दगा फरेब, क्या-क्या इलजाम लाए हो लो मै आ गया, क्यो सबूत लेकर आए हो तलवार चाकू खंजर हथियार क्या-क्या लाए हो हाजिर है दिल चोट सीधे करना तुम भी रहनुमा कहलाए हो खबाब हकिकत मजिल सपने क्या क्या दिखाने आए हो सच कहूँ तो तकदीर तुम झूठ बनकर आए हो पूजा अर्चना अरती उपासना, क्या क्या सुनने आए हो जानता हूँ प्तथरो कि किमत बस मंदिर से डराने आए हो #vhabhav #nojotohindi #Av #jindgi #gajal